Thursday, July 21, 2016

“Law of Attraction”

                  “Law of Attraction” 

“Law of Attraction” या “आकर्षण का सिद्धांत” एक चर्चित विषय या विचारधारा है| Law of Attraction के अनुसार हमारे साथ वैसा ही होता है जैसा हम सोचते या मानते है| यानि कि हमारी सोच या विश्वास हमेशा हकीकत बनती है|
Law of Attraction एक प्राकृतिक सत्य है| जब हम किसी चीज को सच्चे दिल से चाहें तो एक अद्भुत प्राकृतिक शक्ति उस लक्ष्य को प्राप्त करने में हमारी मदद करने लग जाती है| हमारी सारी समस्याएं दूर होने लगती है और सारे बंद दरवाजे अपने आप खुलने लगते है|

*आकर्षक व्यक्ति कैसे बने*

Law-of-attraction आप जैसा अपने बारे में सोचेंगे आपका व्यक्तित्व वैसा ही बन जाएगा | अधिकतर लोगों का व्यवहार उलझनो से भरा होता है । क्या आपने कभी सोचा की कोई दूकान्दार एक ग्राहक को इज्जत क्यों देता है जबकि वह दूसरे ग्राहक को नजर अंदाज कर देता है ? कोई व्यक्ति एक महिला के लिए दरवाजा खोल देता है, जबकि दूसरी महिला के लिए नहीं खोलता ?
हम किसी व्यक्ति की बात को ध्यान से क्यों सुनते है, जबकि दूसरे व्यक्ति की बातों को अनसुनी कर देते हैं ? अपने चारों ओर देखें । आप देखेंगे कि बहुत से लोगो को “हे, राहुल” या ” और, यार ” कहकर बुलाया जाता है, और कई लोगों से महत्वपुर्ण ” यस, सर” कहा जाता है । देखिए । आप पाएंगे कि कुछ लोगों को एहमियत, वफादारी और तारिफ मिलती है जबकि बाकी लोगों को ये सब चीजें नहीं मिलतीं ।
और नजदिक से देखने पर आप पाएंगे की जिन लोगों को सबसे ज्यादा सम्मान मिलता है वे सबसे ज्यादा सफल भी होते है । ईस बात का कारण क्या है ? अगर मात्र एक शब्द मै इस का उत्तर दिया जाए तो इसका कारण है सोच(Thinking ) । हमारी सोच के कारण ही ऐसा होता है । दूसरे व्यक्ति भि हममें वही देखते है, जो हम अपने आपमें देखते और सोचते है ।
हमें उसी तरह का भाई चारा, व्यवहार , मिलता है जिसके काबिल हम खुद को समझते हैं । सोच के कारण ही सारा फर्क पडता है । वेसे आदमी जो खुद को हीन समझते है, चाहे उनकी योग्यताए कितनी ही क्यों न हों, वे हीन ही बनें रहेंगे । आप जैसे सोचते, विचारते है वैसा ही काम करते हैं । और वैसे ही हो जाते है । चाहे वह अपनी हीनता छुपाने का कितना भी प्रयास करे, यह मुलभूत भावना लंबे समय छुप नहीं सकती ।
तीन साल पहले मैंने The Secret नाम की एक डोक्युमेंटरी फिल्म देखी थी, जिसमें वे लोग Low of Attraction (आकर्षण का सिद्धांत) की बात करते हैं.
पॉजिटिव सोच और एहसानमंद रहना. इसके मुताबिक आप अपने दिमाग में जो सोचते हैं और जिन चीजों की छवियाँ रखते हैं, वो ही चीज़े आपके साथ घटित होती हैं. आप जिस चीज़ को चाहते हैं उसको पा सकते है. वैसे इस चीज़ को मैं भी मानता हूँ. इसलिए नहीं की मैंने इसे फिल्म में देखा हैं, बल्कि इसलिए क्योंकि मेरे अब तक के जीवन में मैंने हर पल इसे महसूस किया हैं. लेकिन विज्ञान इसके बारे में क्या कहता हैं? तो आइये जानते हैं इस आकर्षण के सिद्धांत के पीछे का विज्ञान. Science of The Law of Attraction in Hindi.
अध्यात्मवादीयों का एक पुराना विचार हैं की आप अपने जीवन को जिस तरह देखेंगे और महसूस करेंगे उसका आउटपुट भी बिलकुल वैसा ही होंगा. मतलब की जैसा सोचेंगे वैसा ही पाएंगे. गहरे ध्यान(Meditation) के माध्यम से, इन प्राचीन अन्वेषकोंने खोज निकाला की कैसे आपकी अन्दर की परिस्थितियां (दिमाग के विचार) आपकी बाहरी परिस्थितियों (आपके द्वारा किए जानेवाले कार्य) को प्रतिबिंबित करती हैं. अगर आपने The Secret फिल्म देखि हो तो आप जानते होंगे की आकर्षण का सिद्धांत एक वैज्ञानिक सिद्धांत हैं. यह सिद्धांत क्वांटम भौतिकी की ओर इशारा करता हैं.
हाल ही में हो रहे मस्तिष्क के इमेजिंग अध्ययन यह दिखा रहे हैं की हमारा दिमाग आकर्षण के सिद्धांत के अनुरूप ही कार्य करता हैं. इसके लिए आज तक का सबसे ठोस सबूत हैं “mirror neurons(मिरर न्यूरॉन्स)”. अर्थात्, जब हम किसी व्यक्ति को उसके किसी कार्य करने के दौरान उसका निरीक्षण करते हैं, तब मस्तिष्क सक्रियण का वो ही पैटर्न उस व्यक्ति को ऐसा करने की अनुमति देता है. वह व्यक्ति अभी जो भी कर रहा हैं उसका प्रतिबिम्ब उसके मस्तिष्क में भी नजर आता है. वह बिलकुल वैसी ही छवियाँ होंगी जो पर्यवेक्षक अभी कर रहा हैं. सक्रियण मस्तिष्क के premotor cortex और parietal cortex में देखा जा सकता हैं. आपका शरीर वोही करता हैं जो आपके दिमाग में होता हैं. आप प्लेसिबो असर के बारे में तो जानते ही होंगे. आपके बीमार होने के बावजूद आपका यह सोचना की आप एकदम ठीक हैं, आपकी बीमारी दूर कर सकता हैं.

यह सब तो हुई साइंस फ्रिक्शन की बातें. एक सीधी बात तो यह हैं की अगर आप किसी कार्य करते वक़्त नकारात्मक होंगे तो कार्य में सफल नहीं हो पाएंगे, क्योंकि आप अपना पूरा कंसंट्रेशन उसमे नहीं लगा पाएंगे. The Law of Attraction भी यहीं कहता हैं, हमेशां सकारात्मक रहिये. नकारात्मक विचार आपको कमजोर करता हैं इस बात को प्रूव करने की जरुरत नहीं हैं. हम हमेशा यह महसूस करते हैं. विज्ञान इसे सच साबित कर पाए या ना कर पाए, लेकिन एक बात तो स्पष्ट है की इससे कभी कोई नुकसान नहीं हो सकता हैं. बल्कि इससे दुनिया में सकारात्मकता, प्यार और भाईचारा ही बढ़ता हैं.